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Channel: NEET-NEET
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----- ॥ टिप्पणी ७ ॥ -----

>> वर्तमान में भारत की आर्थिक विषमताओं का प्रमुख कारण यहाँ के धनपतियों की  दरिद्रता है..... >> कच्छे में रहने वालों के बनाए नेता दस लखटकिया सूट में रहते हैं ? और ये कुछ कहते भी...

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----- ।। उत्तर-काण्ड ४० ।। -----

बुधवार, १६ सितम्बर, २०१५                                                                       वात्स्यायन  महिमन साथा । बोले मृदुलित हे अहि नाथा ॥ हरन भगत कर  पीर दुखारा । किए कीरत जो बिबिध प्रकारा ॥...

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----- ।। उत्तर-काण्ड ४१ ।। -----

बृहस्पतिवार, ०१ अक्तूबर, २०१५                                                                    ममहय हेरे हेर न पायो । कतहुँ तोहि कहु दरसन दायो ॥ काज कुसल बहु हेरक मोरे । गयऊ मग मग मिलिहि न सोरे ॥...

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----- ॥ टिप्पणी ८ ॥ -----

>> रक्त दान तब जब ग्राही किसी का जीवन न ले.....>> नरभक्षण भी हो रहा हो तो आश्चर्य नहीं होगा.....यह विकासराज है कि दानव राज.....>> इस पांचवीं में पांच बार अनुत्तीर्ण को ये नहीं पता कि...

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----- ।। उत्तर-काण्ड ४२ ।। -----

शुक्रवार, १७ अक्तूबर, २०१५                                                                   सीस चरन धर कर धरि काना । दहत दहत महि गिरे बिहाना ॥ तेहि अवसर समर मुख पीठा । हा हा हेति पुकारत दीठा ॥ राज...

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----- ।। उत्तर-काण्ड ४३।। -----

 शुक्रवार, २० नवम्बर, २०१५                                                                   झाँक चकत अस रकत प्रकासा । ढाक ढँकत जस फुरिहि पलासा ॥ सूल सूल भए फूलहि फूला । सोइ दसा गहि हस्त त्रिसूला ॥...

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----- ।। उत्तर-काण्ड ४४ ।। -----

सोमवार ०७ दिसंबर,२०१५ पुनि सियापति राम  के हेता । लए औषध आइहिं रन खेता ॥ औषध सहित गयउ जब आवा । निरखत हनुमन सब सुख पावा ॥ भेंट तासु रिपु हो कि मिताईं । साधु साधु कह करिहिं बड़ाईं ॥ कपि गण महुँ अद्भुद कपि...

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----- ॥ टिप्पणी ९ ॥ -----

>> जाति क्या है इस भू. पू. प्रधानमंत्री की.....? लड़का जब "आवारा गेंद"हो जाए तो वो मोटरसाइकिल उठाए फिरता है,और कोई प्रधानमंत्री जब "आवारा गेंद"हो जाए तो वह हवाई जहाज उठाए फिरता है.....हत्यारा डाकू...

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----- ।। उत्तर-काण्ड ४५ ।। -----

शनिवार २६ दिसंबर, २०१५                                                                                           सदा रघुबर सरन महुँ रहियो । कर छबि नयन चरन रहि गहियो ॥ स कह सर्जन के करतारी । जग पालक जग...

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----- ।। उत्तर-काण्ड ४६ ।। -----

रविवार, १७ जनवरी, २०१६                                                                                               सुरापीत जम दूत कराला । पिआवहि तपित लौहु रसाला ॥ कर्म गति  कह मुनिरु बिद्वाने । सतत...

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----- ।। उत्तर-काण्ड ४७ ।। -----

मंगलवार, ०२ फरवरी, २०१६                                                                                    सेंचि अविरल कर्म जल हारी । निस दिन केतु माल कर धारी ॥ रितु बिनु पल्ल्वहिं न नव पाता । करिहु...

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----- ।। उत्तर-काण्ड ४८ ।। -----

बोले सुमति बचन ए हितप्रद । सस्त्रास्त्र विद जुद्ध बिसारद ॥ महाराज यहँ सब बिधि केरे । पुष्कलादि रन बीर घनेरे ॥ होत उपनत अधिकाधिकाई । लएँ लोहा रिपु संगत जाईं ॥ बायुनन्दन बीर हनुमाना । अहहि सूरता सन...

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-----॥ हे राम ! ॥ -----

>> तपसी धनवंत दरिद्र गृही । कलि कौतुक तात न जात कही ॥ तपस्वी धनवंत हो गए हैं बहुंत धन लगाकर कुटिया बनाते व् उसको सजाते हैं । हे तात ! कलयुग की लीला कुछ कहि नहीं जाती ॥>> द्विज श्रुति बेचक...

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----- ।। उत्तर-काण्ड ४९ ।। -----

फरकिहि लोचन कोप उर छाए । चढ़े रथ तुरत सुरथ पहि आए ॥ कहि तुम्ह बर बिक्रम दिखराहू । पवन तनय गहि लियो बँधाहू ॥ मोर सुभट गिराए कहँ जइहउ । तेजस तीर अजहुँ उर खइहउ ॥ सुनी अस बीरोचित सम्भाषन । चिंतत हरिपद नृपु...

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----- ।। उत्तर-काण्ड ५० ।। -----

लागि कटक दल भुज हिन् कैसे । कटे साख को द्रुमदल जैसे ॥  कांत मुख भए मंद मलीना । जस को बालक केलि बिहीना ॥ ( ऐसा कहते )परकटी सेना कैसे प्रतीत हुई  जैसे वह कटी हुई शाखा वाले वृक्ष का समूह हों ॥ और उनके...

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                                      ----- ॥ सोहर ॥ -----सखि गाओ री सोहर जी भइने सुअवसर कुँअर मनोहर जी सुनु अति सुन्दर दूल्हा बनइयो जी हो,                                                     रामा...

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----- ॥ गीतिका ॥ -----

----- ॥ गीतिका ॥ -----हरिहरि हरिअ पौढ़इयो, जो मोरे ललना को पालन में.,अरु हरुबरि हलरइयो, जी मोरे ललना को पालन में., बिढ़वन मंजुल मंजि मंजीरी, कुञ्ज निकुंजनु जइयो, जइयो जी मधुकरी केरे बन में..... बल बल...

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----- ।। उत्तर-काण्ड ५० ।। -----

लागि कटक दल भुज हिन् कैसे । कटे साख को द्रुमदल जैसे ॥  कांत मुख भए मंद मलीना । जस को बालक केलि बिहीना ॥ ( ऐसा कहते )परकटी सेना कैसे प्रतीत हुई  जैसे वह कटी हुई शाखा वाले वृक्ष का समूह हों ॥ और उनके...

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----- ।। उत्तर-काण्ड ५१ ।। -----

शुक्रवार,२२ अप्रेल, २०१६                                                                                 प्रथम तुम रथारोहित होहू । तव सों पुनि लेहउँ में लोहू ॥ तुहरे दिए रथ गहत बीरबर । रन करिअन जो...

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----- ।। उत्तर-काण्ड ५२ ।। -----

सोमवार, ०९ मई, २०१६                                                                                      माई तुहरे राज दुलारा । लरत लरत मुरुछित महि  पारा ॥ एकु हय तज निज मग बन आईं । छाँडिसि जिन्ह केहि...

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