>> वर्तमान में भारत की आर्थिक विषमताओं का प्रमुख कारण यहाँ के धनपतियों की दरिद्रता है.....
>> कच्छे में रहने वालों के बनाए नेता दस लखटकिया सूट में रहते हैं ? और ये कुछ कहते भी नहीं.....आश्चर्य है.....
>> खाता वाली योजना के बारे एक 'हमाल 'तक का कहना था = पइसा सकलत हें : = अर्थात तरलता अवशोषित कर रहे हैं महंगाई तो बढ़ेगी ही.....
>> राजू : -- हमरे नगर में भी एक ठो झोझरू पारा है वहां भी आज तक कोई पी एम नहीं आया.....
"उ बाजू के नगर में तो दो ठो हैं....."
>> राजू : -- ऐतना ऊँचा चढ़ के बाँग देने की क्या आवश्यकता थी, नीचे से सुनाई दे जाता.....
>> हमरे नगर में भी मना था ई गुंडे लोगन का त्यौहार, अब जहाँ गुंडे होंगे वहां अभद्रता तो होगी न.....
>>ईश्वर का आह्वान कर्म, भक्ति ( पूजा पाठ ) व् ज्ञान से किया जाता है जिन्हे त्रय काण्ड कहते है.....
>> स्वप्न अचेतन मस्तिष्क के चिन्ह है, विश्वास अंधा न हो , विचार ऊँचे हों, निर्णय न्यायपरत हो, मृत्यु को लक्ष्य करता सफल जीवन हों.....
>> जोइ है अरु जैसा है है सो अपने देस ।
पाप पोष बहु दोष किए कोइ पड़ा परदेस ।। ६ ॥
भावार्थ : -- जो है जैसा है वह अपने देश में ही है । कोई तो परदेश में पड़कर पाप को पोषित करते हुवे दोष पर दोष किए जा रहा है ॥
>> कच्छे में रहने वालों के बनाए नेता दस लखटकिया सूट में रहते हैं ? और ये कुछ कहते भी नहीं.....आश्चर्य है.....
>> खाता वाली योजना के बारे एक 'हमाल 'तक का कहना था = पइसा सकलत हें : = अर्थात तरलता अवशोषित कर रहे हैं महंगाई तो बढ़ेगी ही.....
>> राजू : -- हमरे नगर में भी एक ठो झोझरू पारा है वहां भी आज तक कोई पी एम नहीं आया.....
"उ बाजू के नगर में तो दो ठो हैं....."
>> राजू : -- ऐतना ऊँचा चढ़ के बाँग देने की क्या आवश्यकता थी, नीचे से सुनाई दे जाता.....
>> हमरे नगर में भी मना था ई गुंडे लोगन का त्यौहार, अब जहाँ गुंडे होंगे वहां अभद्रता तो होगी न.....
>>ईश्वर का आह्वान कर्म, भक्ति ( पूजा पाठ ) व् ज्ञान से किया जाता है जिन्हे त्रय काण्ड कहते है.....
>> स्वप्न अचेतन मस्तिष्क के चिन्ह है, विश्वास अंधा न हो , विचार ऊँचे हों, निर्णय न्यायपरत हो, मृत्यु को लक्ष्य करता सफल जीवन हों.....
>> जोइ है अरु जैसा है है सो अपने देस ।
पाप पोष बहु दोष किए कोइ पड़ा परदेस ।। ६ ॥
भावार्थ : -- जो है जैसा है वह अपने देश में ही है । कोई तो परदेश में पड़कर पाप को पोषित करते हुवे दोष पर दोष किए जा रहा है ॥