बथुरत पूला आपना, बँधेउ पराए पूल |
भरम जाल भरमाइ के बिनसत गयउ मूल || १ ||
भावार्थ : --भारत वस्तुत: चार धार्मिक समुदायों के कुटुंब का राष्ट्र है, यह कुटुंब तब बिखर गया जब इसमें उस पराए कुटुंब को भी सम्मिलित किया गया जिसने उसे दास बनाया था | तत्पश्चात इन्हें अपना कहते हुवे एक भ्रम का जाल बिछाया गया जिसके बहकावे में आकर भारत की मौलिकता नष्ट-भ्रष्ट होती चली गई |
बिरावन भयउ बहोरी शासन के अधिकारि |
अखिल जगत कर देस जौ कतहुँ दरस नहि पारि || २ ||
भावार्थ :- जो राष्ट्र निर्माण के मूलभूत नहीं हैं उसे शासन करने का अधिकार प्राय: विश्व के किसी भी राष्ट्र ने नहीं दिया है | किन्तु भारत में जो न केवल राष्ट्र निर्माण के मूलभूत नहीं हैं जिन्होंने उसे दास भी बनाया, उसके संविधान ने पुनश्च उन्हें उसपर शासन करने का अधिकार दे दिया |
अखिल जगत कर देस जौ कतहुँ दरस नहि पारि || २ ||
भावार्थ :- जो राष्ट्र निर्माण के मूलभूत नहीं हैं उसे शासन करने का अधिकार प्राय: विश्व के किसी भी राष्ट्र ने नहीं दिया है | किन्तु भारत में जो न केवल राष्ट्र निर्माण के मूलभूत नहीं हैं जिन्होंने उसे दास भी बनाया, उसके संविधान ने पुनश्च उन्हें उसपर शासन करने का अधिकार दे दिया |