Quantcast
Channel: NEET-NEET
Viewing all articles
Browse latest Browse all 283

----- || दोहा-एकादश || -----

$
0
0
बथुरत पूला आपना, बँधेउ पराए पूल | 
भरम जाल भरमाइ के  बिनसत गयउ मूल || १ || 
भावार्थ : --भारत वस्तुत: चार धार्मिक समुदायों के कुटुंब का राष्ट्र है, यह  कुटुंब तब बिखर गया जब इसमें  उस पराए कुटुंब को भी सम्मिलित किया गया जिसने उसे दास बनाया  था  |  तत्पश्चात इन्हें अपना कहते हुवे एक भ्रम का जाल बिछाया गया जिसके बहकावे में आकर भारत की मौलिकता नष्ट-भ्रष्ट होती चली गई |   


बिरावन भयउ बहोरी  शासन के अधिकारि | 
अखिल जगत कर देस जौ कतहुँ दरस नहि पारि || २ || 
भावार्थ :- जो राष्ट्र निर्माण के मूलभूत नहीं हैं उसे शासन करने का अधिकार प्राय: विश्व के किसी भी राष्ट्र ने नहीं दिया है |   किन्तु भारत में जो न केवल  राष्ट्र निर्माण के मूलभूत नहीं हैं जिन्होंने उसे दास भी बनाया, उसके संविधान ने पुनश्च उन्हें उसपर शासन करने का अधिकार दे दिया |  

Viewing all articles
Browse latest Browse all 283

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>