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Channel: NEET-NEET
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----- || दोहा-एकादश || -----

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श्रम करम गौन करत तब भयऊ अर्थ प्रधान | 
पददलित भए दीन हीन गहे मान धनवान || १ || 
 भावार्थ : -- श्रम व कर्म को गौण कर जन संचालन व्यवस्था में अर्थ प्रधान हो गया,  इस प्रधानता से दरिद्र पद दलित होने लगे व् धनाढ्य मान्यवर हो गए  |

होइब अर्थ बिहीन जो जिनके भेस भदेस | 
विलासित भवन तिन्हने निरुधित भयउ प्रवेस || २ || 
भावार्थ : -- अब जो कोई दरिद्र है जिसका भेष भद्दा है भव्य-भवनों एवं अर्थ पतियों के सभा-सदन में उसका प्रवेश निषिद्ध हो गया | 

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